
इफको का पक्ष – सच्चाई से पर्दा उठाना
सभी को नमस्कार
मित्रों,
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया, समाचार पत्रों एवं विभिन्न चैनलों के माध्यम से ‘किशन गढ़, राजस्थान में हुई कार्यवाही के उपरांत किसानों की सहकारी संस्था इफ़को के उत्पादों को लेकर ‘भ्रामक दुष्प्रचार’ किया जा रहा है, जो कि बिलकुल ग़लत है ।
हमारा यह दायित्व है कि आप तक सही जानकारी पहुँचे और आप इस कुप्रचार से बच सकें।
हम आपको दो बातें स्पष्ठ करना चाहते है कि :
- बताये गये स्थानों पर इफ़को का कोई भी उर्वरक प्राप्त नहीं हुआ है, अतः आप सभी से विनम्र निवेदन है इफ़को की उत्पाद गुणवत्ता एवं अन्य मानकों पर किया जा रहे दुष्प्रचार से अपने को बचाये और इफ़को पर विश्वास बनाये रखें।
- उक़्त कारवाई में कुछ स्थानों पर इफ़को के संयुक्त उपक्रम एक्वाग्री (Aquagri) द्वारा निर्मित ‘सागरिका दानेदार बायोस्टीम्युलेंट’ पाया गया है। सागरिका दानेदार किसानों के बीच बहुत लोकप्रिय है और यह केंद्रीय शोध संस्थान CSIR -CSMCRI के द्वारा प्रदाय तकनीक एवं भारत सरकार के नियमों के आधार पर बनाया जा रहा है, जिसमें किसी भी तरह की कोई अनियमितता नहीं है। इन स्थानों पर जो Dolomite, Gypsum, Seaweed powder, bentonite आदि पाये गये हैं, इनका प्रयोग ‘सागरिका दानेदार’ के granulation में किया जाता है और इसमें कुछ भी ग़लत नहीं है।
आप सभी से पुनः करबद्ध निवेदन है कि ‘इस भ्रामक अफवाह से बचें और इफ़को के गुणवत्ता वाले उर्वरकों और बायोस्टीम्युलेंट’ का प्रयोग करें।
धन्यवाद
अधिसूचना: आईटी अधिनियम के तहत डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र जारी करने के लिए प्रमाणन प्राधिकरणों (सीसीए) के नियंत्रक द्वारा इंटरऑपरेबिलिटी दिशानिर्देशों के अनुसार, 04-अप्रैल-2011 के बाद जारी किए गए प्रमाण पत्र, हस्ताक्षर और एन्क्रिप्शन / डिक्रिप्शन उद्देश्य के लिए दो अलग-अलग प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। अत: सभी पात्र विक्रेताओं से अनुरोध है कि कोटेशन जमा करने से पहले यह पुष्टि कर लें कि उनके पास ये दो प्रमाण पत्र उपलब्ध हैं या नहीं।